यूँ ना सब से डर के देखो
मुझको आँखें भर के देखो
सच कहता हूँ जी उठ्ठोगी
मुझपे थोडा मर के देखो
आना-जाना छुट जाएगा
मेरी बाहें धर के देखो
सादेपन को उम्र पड़ी है
कुछ शैतानी कर के देखो
ऊंचाई पे तन्हाई है
तुम झरने सा झर के देखो
मुझको आँखें भर के देखो
सच कहता हूँ जी उठ्ठोगी
मुझपे थोडा मर के देखो
आना-जाना छुट जाएगा
मेरी बाहें धर के देखो
सादेपन को उम्र पड़ी है
कुछ शैतानी कर के देखो
ऊंचाई पे तन्हाई है
तुम झरने सा झर के देखो