यह जुर्रत हो गई है
मुहब्बत हो गई है
मुहब्बत हो गई है
उसे भाई ने मारा
सियासत हो गई है
जालिमों बच के रहना
बग़ावत हो गई है
यहाँ मातम न हो ग़र
शहादत हो गई है
बुज़र्गों का करूं क्या?
वसीयत हो गई है
फटा बम और क्या हो!!
मज़म्मत हो गई है
मज़म्मत हो गई है
फटा बम और क्या हो!!
ReplyDeleteमज़म्मत हो गई है.
beautiful.
बुज़र्गों का करूं क्या ?
ReplyDeleteवसीयत हो गई है
कम शब्दों में आपने बहुत गहरी बातें कही हैं।
अच्छा लगा।
गहरी बातें भावों का बेहतरीन संयोजन
ReplyDeleteफटा बम और क्या हो!!
ReplyDeleteमज़म्मत हो गई है
वाह- विवेक जैन vivj2000.blogspot.com
फटा बम और क्या हो!!
ReplyDeleteमज़म्मत हो गई है
sach hai bas is ke siva kuchh hota bhi kahan hai
विशाल जी
ReplyDeleteनमस्कार !
बहुत प्यारे अंदाज़ में लिखा है -
यह जुर्रत हो गई है
मुहब्बत हो गई है
क्या बात है … बहुत ख़ूब !
हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !
- राजेन्द्र स्वर्णकार
यह जुर्रत हो गई है
ReplyDeleteमुहब्बत हो गई है
मतला, बड़ी मासूमियत से कह दिया गया है, वाह
और इतनी छोटी बह्र में
ऐसे अश`आर कहना बहुत महनत का काम है
बुज़र्गों का करूं क्या ?
वसीयत हो गई है...
बहुत खूब !!
KUnwar Kusumesh ji, Mahendra Verma ji, sanjay Bhaskar Ji, Vivek Jain ji,Ismat Zaidai ji, Rajendra Swarankaar ji aur Danish sahab ka bohot bohot sukriya!!
ReplyDeleteUmmed hai aapko aage bhi meri ghazalein pasand aeingi. hausa afzayi ka shukriya!
बहुत खूबसूरत प्रस्तुति की है आपने विशाल भाई.
ReplyDeleteपहली बार आपके ब्लॉग पर आया हूँ.
मंत्रमुग्ध हो गया.कम शब्दों में गहन भाव प्रकट कर दिए हैं आपने.
सुन्दर अभिव्यक्ति के लिए बहुत बहुत आभार.
मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है.
vishal ji .........agar aap pahle se celebrity aur famous shayar hain to acchi baat hai..........lekin agar abhi nahi hain.....to woh din door nahi........appke blog par jo sher padhi wo national aur international level ke mushayaron me padhi jane wali sheron se jara bhi kam nahin........deewana bana diya aapne........bahut hi khusurat likhte hai............
ReplyDeleteMain aapki tarah umda to nahi likh pata.....lekin apni abhivyakti ka madhyam maine bhi kavita ko hi banaya hai..........agar aap blog par aayenge to accha lagega.......
www.sharadwrites.com