इस जहां में अब येही दस्तूर होना चाहिए
सच के हाथों झूठ को मजबूर होना चाहिए
तू जिसे मिल जाए उसकी पारसाई क़ुफ़्र है
उसको चाहत के नशे में चूर होना चाहिए
पास इतने हो की घुलते जा रहे हो मुझमें तुम
हम को इक-दूजे से थोडा दूर होना चाहिए
जिसने दिल में पाल रखा हो मुहब्बत का चिराग़
उसके चेहरे पे बला का नूर होना चाहिए
झुक के चलने में यहाँ दब जाने के आसार हैं
एहतियातन आपको मग़रूर होना चाहिए
सच के हाथों झूठ को मजबूर होना चाहिए
तू जिसे मिल जाए उसकी पारसाई क़ुफ़्र है
उसको चाहत के नशे में चूर होना चाहिए
पास इतने हो की घुलते जा रहे हो मुझमें तुम
हम को इक-दूजे से थोडा दूर होना चाहिए
जिसने दिल में पाल रखा हो मुहब्बत का चिराग़
उसके चेहरे पे बला का नूर होना चाहिए
झुक के चलने में यहाँ दब जाने के आसार हैं
एहतियातन आपको मग़रूर होना चाहिए