उसके होते थी जो उसके बाद नहीं है
मेरे घर की रौनक किसको याद नहीं है!!
मुझको क़ैद में डालो जाने क्या कर बैठूं
पिंजरा टूट गया है और सय्याद नहीं है
उसकी अलमारी में इक तस्वीर मिली है
तुम कहते थे उसको कुछ भी याद नहीं है
मैं क्या चाहूं वह मुझसे बेहतर जाने है
मेरी कोई अर्ज़ी या फ़रियाद नहीं है
उसकी राहें तकते अरसा बीत गया है
क्यों तकता हूँ अब ये मुझको याद नहीं है
मेरे घर की रौनक किसको याद नहीं है!!
मुझको क़ैद में डालो जाने क्या कर बैठूं
पिंजरा टूट गया है और सय्याद नहीं है
उसकी अलमारी में इक तस्वीर मिली है
तुम कहते थे उसको कुछ भी याद नहीं है
मैं क्या चाहूं वह मुझसे बेहतर जाने है
मेरी कोई अर्ज़ी या फ़रियाद नहीं है
उसकी राहें तकते अरसा बीत गया है
क्यों तकता हूँ अब ये मुझको याद नहीं है