प्यार मुझसे जताती रहती है
और फिर आज़माती रहती है
ज़िक्र मेरे सुधरने का करके
ऐब मेरे गिनाती रहती है
मेरी तन्हाइयों के शानों पर
याद चाबुक चलाती रहती है
उसको आना है ख्वाब में शायद
नींद चक्कर लगाती रहती है
दर्द अपने सुनाने को दुनिया
शेर' मुझसे लिखाती रहती है !
और फिर आज़माती रहती है
ज़िक्र मेरे सुधरने का करके
ऐब मेरे गिनाती रहती है
मेरी तन्हाइयों के शानों पर
याद चाबुक चलाती रहती है
उसको आना है ख्वाब में शायद
नींद चक्कर लगाती रहती है
दर्द अपने सुनाने को दुनिया
शेर' मुझसे लिखाती रहती है !
दर्द अपने सुनाने को दुनिया
ReplyDeleteशेर' मुझसे लिखाती रहती है
......बेहतरीन गज़ल।