वो जो लिखा है सब किताबों में
वो ही शामिल नहीं निसाबों में
उसकी तासीर ऐसे काटी है
हमने घोला उसे शराबों में
ये मेरी हिचकियाँ बताती हैं
मैं बक़ाया हूँ कुछ हिसाबों में
तो कोई तजरुबा ही कर लें क्या
कुछ नहीं मिल रहा किताबों में
हम उसे यूं ही मिल गए होते
उसने ढूंढा नहीं ख़राबों में
आओ और आ के फिर बिछड़ बिछड़ जाओ
कुछ इज़ाफ़ा करो अज़ाबों में
और फिर बाग़ बाग़-बाग़ हुआ
एक काँटा खिला गुलाबों में
वो ही शामिल नहीं निसाबों में
उसकी तासीर ऐसे काटी है
हमने घोला उसे शराबों में
ये मेरी हिचकियाँ बताती हैं
मैं बक़ाया हूँ कुछ हिसाबों में
तो कोई तजरुबा ही कर लें क्या
कुछ नहीं मिल रहा किताबों में
हम उसे यूं ही मिल गए होते
उसने ढूंढा नहीं ख़राबों में
आओ और आ के फिर बिछड़ बिछड़ जाओ
कुछ इज़ाफ़ा करो अज़ाबों में
और फिर बाग़ बाग़-बाग़ हुआ
एक काँटा खिला गुलाबों में