जब वो बोले कि कोई प्यारा था
उनका मेरी तरफ इशारा था
हम निकल आये जिस्म से बाहर
उसने कुछ इस तरह पुकारा था
फेर देता था वो नज़र अपनी
हर नज़र का यही उतारा था
रात देखा नहीं पर सुनते हैं
चाँद इक मुन्तज़िर हमारा था
मेरे अपने जलाते हैं मिलकर
मुझको जो जिस्म जां से प्यारा था
डूब जाना ही ठीक था मेरा
मेरे दोनों तरफ़ किनारा था
उनका मेरी तरफ इशारा था
हम निकल आये जिस्म से बाहर
उसने कुछ इस तरह पुकारा था
फेर देता था वो नज़र अपनी
हर नज़र का यही उतारा था
रात देखा नहीं पर सुनते हैं
चाँद इक मुन्तज़िर हमारा था
मेरे अपने जलाते हैं मिलकर
मुझको जो जिस्म जां से प्यारा था
डूब जाना ही ठीक था मेरा
मेरे दोनों तरफ़ किनारा था