कैकयी से तो क़ौल निभाया है हमने
सीता को बनवास दिलाया है हमने
हाथ हमारे कटकर गिरने हैं इक दिन
फूलों पर तेज़ाब गिराया है हमने
उसको पाया है तो इसमें हैरत क्या
आख़िर अपना-आप गंवाया है हमने
देखना पत्थर मोम सरीखा पिघलेगा
उसको अपना हाल सुनाया है हमने
औज़ारों को हाथ हमारे चुभते हैं
जबसे ये हथियार उठाया है हमने
सीता को बनवास दिलाया है हमने
हाथ हमारे कटकर गिरने हैं इक दिन
फूलों पर तेज़ाब गिराया है हमने
उसको पाया है तो इसमें हैरत क्या
आख़िर अपना-आप गंवाया है हमने
देखना पत्थर मोम सरीखा पिघलेगा
उसको अपना हाल सुनाया है हमने
औज़ारों को हाथ हमारे चुभते हैं
जबसे ये हथियार उठाया है हमने