हाँ मेरे
ज़ख़्म भर गए लोगो
पर मेरे
शौक़ मर गए लोगो
मैं तुम्हे देख कर ही बिगड़ा था
और तुम सब सुधर गए लोगो
सब हमें देखें इस क़वायद में
हर नज़र
से उतर गए लोगो
उनके
आने की सिर्फ़ अफ़वाह थी
और हम
सज-संवर गए लोगो
उनके
हाथों सिमटने की ज़िद मे
ख़ुद-ब-ख़ुद हम बिखर गए लोगो