लफ़्ज़ों का व्यापार सिखा दे
मुझको दुनियादार बना दे
ख़ौफ़-ए- ख़ुदा यूँ क़ायम होगा
मुझको दुनियादार बना दे
ख़ौफ़-ए- ख़ुदा यूँ क़ायम होगा
मुझको थोड़ी और सज़ा दे
मिसरे नारों से गूँजेंगे
स्याही में कुछ ख़ून मिला दे
तौबा कि टूटन के ग़म में
मुझको थोड़ी और पिला दे
मैं अब ख़ुद से ऊब गया हूँ
मुझको कोई और बना दे