दिल को ग़म से भर जाना है
ये जीवन का हर्जाना है
सोचके हैरानी होती है
हमको इक दिन मर जाना है
कुछ दिन के मेहमान यहाँ फिर
सबको अपने घर जाना है
आंसू की भी क्या क़िस्मत है
सुख में दुःख में झर जाना है
मल्हा, तूफां मौजें सुन लें
इस कश्ती को तर जाना है
ये जीवन का हर्जाना है
सोचके हैरानी होती है
हमको इक दिन मर जाना है
कुछ दिन के मेहमान यहाँ फिर
सबको अपने घर जाना है
आंसू की भी क्या क़िस्मत है
सुख में दुःख में झर जाना है
मल्हा, तूफां मौजें सुन लें
इस कश्ती को तर जाना है